1.एक-दूसरे के लिए बने हैं भारत और जर्मनी : मोदी
- भारत और जर्मनी ने मंगलवार को आतंकवाद को बढ़ावा, समर्थन और वित्त पोषण करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ व्यापार, कौशल विकास, साइबर सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे प्रमुख मसलों पर भी व्यापक बातचीत की।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी एक दूसरे के लिए ही बने हैं।1मर्केल के साथ चौथी भारत-जर्मनी इंटरगवर्नमेंटल कंसल्टेशन (आइजीसी) की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘हमारे रिश्तों के विकास की गति तेज है, दिशा सकारात्मक और मंजिल स्पष्ट है।
- जर्मनी हमेशा भारत को एक शक्तिशाली, पूर्णत: तैयार और क्षमतावान साझीदार पाएगा।’ वहीं, मर्केल ने कहा कि भारत एक विश्वसनीय साझीदार साबित हुआ है और दोनों ही पक्ष सहयोग बढ़ाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच विकास योजनाओं में सहयोग के लिए एक अरब यूरो का निवेश किया जा रहा है।
- दर्जनभर समझौतों पर हस्ताक्षर : वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में दर्जनभर सहमति पत्रों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें साइबर नीति, विकास योजनाएं, स्थायी शहरी विकास, क्लस्टर प्रबंधन का निरंतर विकास और कौशल विकास, डिजिटलाइजेशन, रेलवे सुरक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
- साथ ही जर्मनी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारतीय सदस्यता के दावे का समर्थन किया।
- वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की। मोदी ने कहा कि इस समस्या का आने वाली पीढ़ियां भी सामना करेंगी इसलिए मानवतावादी सभी ताकतों को इसका सामना करने के लिए एकजुट होना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत और जर्मनी के आर्थिक रिश्तों में बड़ी बढ़त और परिणामोन्मुख गति बनती हुई देखी जा सकती है।
- यूरोपीय यूनियन की एकता का आह्वान : मोदी ने यूरोपीय यूनियन की एकता का आह्वान करते हुए कहा, ‘यूरोप और विश्व कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और भारत का मानना है कि इनसे निपटने के लिए दुनिया को चांसलर मर्केल के मजबूत नेतृत्व की जरूरत है।’
- प्रधानमंत्री ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में अपनी दक्षता से जर्मनी भारत के 80 करोड़ युवाओं की मदद कर सकता है।
- फुटबॉल का किया जिक्र : मोदी ने कहा कि भारतीय युवा जर्मनी के कड़े फुटबॉल प्रशिक्षण कौशल का लाभ भी उठा सकते हैं। उन्होंने इस बात का खास तौर पर जिक्र किया कि जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा के भारत में भी काफी संख्या में प्रशंसक हैं।
- अफगानिस्तान और ओबीओआर पर भी चर्चा : इससे पहले सोमवार को भी दोनों नेताओं में करीब तीन घंटे तक क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इसमें ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से निकलने के कारण भारत और जर्मनी पर पड़ने वाले प्रभावों पर विचार किया गया।
- बातचीत में चीन की ‘वन बेल्ट वन रोड’ और अफगानिस्तान का मसला भी उठा। इस दौरान मर्केल ने ओबीओआर परियोजना में जर्मनी की भागीदारी को लेकर स्थिति साफ की तो भारत ने इस पर फिर अपना विरोध प्रकट किया।
2. इंदिरा जयसिंह करेंगी रोहिंग्या मुस्लिमों पर हुई ज्यादती की जांच, संयुक्त राष्ट्र ने बनाई समिति
- संयुक्त राष्ट्र ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर हुए अत्याचार की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। भारत की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। दो अन्य सदस्यों में श्रीलंकाई वकील राधिका कुमारस्वामी और ऑस्ट्रेलिया के क्रिस्टोफर डोमिनिक शामिल हैं। म्यांमार ने यूएन के इस कदम को अस्वीकार्य बताया है।
- यूएन ने मंगलवार को एक बयान जारी कर समिति बनाने की घोषणा की। दरअसल, सीमावर्ती प्रांत रखाइन में रोहिंग्या विद्रोहियों ने पिछले साल अक्टूबर में म्यांमार के सुरक्षाबलों पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें नौ अधिकारियों की मौत हो गई थी।
- इसके बाद म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या विद्रोहियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया था। इसके चलते तकरीबन 75 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों को बांग्लादेश में शरण लेना पड़ा है।
- म्यांमार की सेना पर हत्या और सामूहिक दुष्कर्म जैसे संगीन आरोप लगाए गए हैं। यूएन ने रोहिंग्या शरणार्थियों से साक्षात्कार के आधार पर फरवरी में एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें व्यापक पैमाने पर नरसंहार और सामूहिक दुष्कर्म की बात सामने आई थी।
- यूएन मानवाधिकार परिषद ने मार्च में एक प्रस्ताव स्वीकार कर म्यांमार में मिशन स्थापित करने की बात कही थी। भारत और चीन ने इससे दूरी बना ली थी। आंग सान सू की ने तब कहा था कि उनका देश यूएन के पूर्व प्रमुख कोफी अन्नान की अध्यक्षता वाले सलाहकार आयोग की सिफारिशों को ही स्वीकार करेगा। वहीं, यूएन के ताजा पहल को म्यांमार के राजनयिक ने ठुकरा दिया है।
- उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। म्यांमार पर मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार दबाव डाले जा रहे हैं, लेकिन वहां का नेतृत्व अड़ियल रवैया अपनाए हुए है।
3. पशुवध के नए नियमों पर रोक, केंद्र ने दिए नरमी के संकेत
- पशु मेले में वध के लिए होने वाली पशुओं की बिक्री पर लगाए प्रतिबंध के नियमों पर मद्रास हाई कोर्ट ने चार हफ्ते के लिए अंतरिम रोक लगा दी है। इस दौरान केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया है।
- कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस दलील से सहमति जताई कि खान-पान की आदत हर व्यक्ति का निजी अधिकार है। इस बीच, नए नियमों को लेकर केंद्र सरकार ने अपने रुख में थोड़ा नरमी का संकेत दिया है।
- केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि इस संबंध में विभिन्न पक्षों से मिली शिकायतों का परीक्षण हो रहा है।
- मंगलवार को दो याचिकाओं पर चार हफ्ते की अंतरिम रोक का आदेश मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ के जस्टिस एमवी मुरलीधरन व सीवी कार्तिकेयन ने सुनाया। गौरतलब है कि केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रलय ने एक अधिसूचना जारी कर पशु बाजार में बूचड़खानों के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी थी।
- नए प्रावधानों के तहत गाय, बैल, सांड़, बछिया, बछड़े, भैंस और ऊंट को बाजार लाकर हत्या के इरादे से इनकी खरीद-ब्रिकी की अनुमति नहीं दी गई है।
- नए नियम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की वजह से : वेंकैया1वेंकैया नायडू ने कहा है कि ये नियम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को ध्यान में रख कर ही बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एक मामले की सुनवाई के दौरान गंभीर टिप्पणी की थी।
- उन्होंने बताया कि इस संबंध में संसद की स्थायी समिति ने भी टिप्पणी की थी कि पशु मेलों और बाजारों में तस्करों की सांठ-गांठ को समाप्त करना जरूरी है। इसलिए सरकार ने नियम बनाए हैं कि पशु मेलों और बाजारों में पशुओं को हत्या के लिए नहीं बेचा जा सकेगा।
- कई राज्यों में विरोध : पर्यावरण मंत्रलय को इस संबंध में केरल और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के साथ ही 13 अलग-अलग मांगपत्र मिले हैं। केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने तो इस नियम का बहुत जोरदार तरीके से विरोध किया है और सभी मुख्यमंत्रियों को लिखा है इसे मानने से इन्कार करें। इसी तरह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे केंद्र की ओर से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में जबरन दखलंदाजी बता दिया है।
- नए नियम की संसद से मंजूरी नहीं ली गई। यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।
- यह पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के भी खिलाफ है। अधिनियम में धर्म या समुदाय की जरूरत के लिए पशु वध अपराध नहीं है।
- यह संविधान में मिले धार्मिक आजादी के अधिकार का भी हनन है।
- अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के प्रावधान का भी उल्लंघन है।
- व्यापार व कारोबार के अधिकार का भी हनन है।
- केंद्र सरकार ने पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है।
- इसके अनुसार दुधारू मवेशी की मंडियों में खरीद-फरोख्त नहीं होगी।
- मवेशी वहां तभी लाया जाएगा, जब उसके मालिक का पूरा ब्योरा मंडी में जमा हो जाए।
- खरीदार और विक्रेता दोनों लिखकर देंगे कि पशुओं का वध नहीं किया जाएगा। इस पर पशु के मालिक का दस्तखत होगा।
- शिकायतों का हो रहा परीक्षण : सरकार
- कोर्ट ने माना, खान-पान की आदत हर व्यक्ति का निजी अधिकार
4. सट्टे व जुए को कानूनी बनाने पर विधि आयोग ने मांगी राय
- सुप्रीम कोर्ट के अनुरोध पर क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी रूप देने पर विचार कर रहे विधि आयोग ने सट्टे और जुए को कानूनी बनाने पर आम जनता से राय मांगी है। आयोग ने इस पर 30 दिनों के भीतर राय भेजने का आग्रह किया है।
- विधि आयोग ने संबंधित पक्षकारों और आम जनता से इस पर राय भेजने की अपील करते हुए कहा है कि क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी बनाए जाने पर विचार के दौरान उसने पाया कि सट्टे को जुए से अलग नहीं किया जा सकता। ऐसे में अगर सट्टे को कानूनी बनाने पर विचार करते समय जुए को छोड़ दिया गया तो शायद सारी कवायद ही बेकार साबित हो जाए। इसलिए आयोग ने सट्टे के साथ-साथ जुए को कानूनी बनाए जाने पर भी विचार करने का निर्णय लिया है।
- सट्टे और जुए के खिलाफ कड़े नियम भी इस पर रोक लगाने में कामयाब नहीं हुए। ऑनलाइन जुआ और सट्टा एक अलग क्षेत्र है जिस पर रोक लगाना बहुत मुश्किल है। माना जाता है कि जुए के धंधे में बहुत पैसा शामिल है जो कि समानांतर अर्थव्यवस्था सृजित कर रहा है।
- कानूनी तौर पर अर्जित आय कालेधन में तब्दील होती है जो कि अन्य देशों में ऑनलाइन जुए के धंधे में लगती है। आयोग इस पर रिपोर्ट देने के लिए कुछ समय से मंथन कर रहा है। कुछ संबंधित लोगों से विचार विमर्श भी हुआ है।
- मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने लोधा कमेटी की क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी रूप देने की सिफारिश पर ये मसला विचार के लिए विधि आयोग को भेजा था।
- क्या सट्टे और जुए को कानूनी रूप देने से देश में चल रही ऐसी गैरकानूनी गतिविधियां रुक जाएंगी।
- क्या इस गतिविधि को लाइसेंस देने से सरकार को अच्छा खासा राजस्व प्राप्त होगा और लोगों को रोजगार मिलेगा।
- सट्टे और जुए को किस हद तक कानूनी करना नैतिक तौर पर सही होगा।
- क्या तौर तरीका होना चाहिए जिससे लोगों को दिवालिया होने से भी बचाया जा सके।
- इसे कानूनी बनाया गया तो क्या जुआ और सट्टा चलाने वाली विदेशी कंपनियों को भारत मे प्रवेश दिया जाना चाहिए।
5. वर्ष 2019 तक तैयार होंगे 42 मेगा फूड पार्क
- देश में 2019 तक 42 मेगा फूड पार्क चालू हो जाएंगे जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा और व्यापक पैमाने पर खाद्य पदार्थों का प्रसंस्करण किया जा सकेगा जिससे किसानों की आय बढ़ सकेगी।
- खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने एसोचैम की ओर से यहां आयोजित राष्ट्रीय कोल्ड चेन सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार आने के पहले केवल दो मेगा फूड पार्क कार्य कर रहे थे। किसानों की आय में वृद्धि और कृषि उत्पादों को जल्द नष्ट होने से बचाने के लिए सरकार ने कुल 42 मेगा फूड पार्कों की स्थापना का निर्णय लिया है।
- उन्होंने कहा कि बहुत से मेगा फूड पाकरे के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है और 2019 के अंत तक सभी 42 मेगा फूड पार्कों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि और प्रसंस्करण क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार देने की संभावना है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार कम पूंजी में भी छोटे स्तर पर कोल्ड चेन योजना को कार्यान्वित कर रही है।
- उन्होंने कहा कि बडे पैमाने पर कोल्ड चेन की स्थापना में 25 से 30 करोड रूपये की लागत आती है जिसके कारण कम पूंजी वाले लोग इस व्यवसाय में नहीं आ पाते हैं।
- किसान समूह छोटे स्तर पर कोल्ड चेन की स्थापना करे और वहां प्रसंस्करण इकाई की भी स्थापना करें तो उसे संपदा योजना के तहत 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा सकती है जो डेढ़ से पांच करोड़ तक हो सकती है। योजना में जमीन को मानक नहीं माना गया है।
6. बाजार में जल्द आएगा एक रुपये का नया नोट
- जल्द ही एक रुपये का नया नोट चलन में आ जाएगा। नए फीचर और कलर व डिजायन वाले इस नोट की छपाई भारत सरकार ने करवाई है। एक रुपये के नोट की छपाई 1994 में बंद कर दी गई थी।
- इसे 2015 में मोदी सरकार ने दोबारा शुरू किया था। हालांकि नई करेंसी के आने के बाद भी पहले से बाजार में मौजूद एक रुपये के नोट और सिक्के भी मान्य रहेंगे। ये हैं इसकेखास फीचर
- सरकार की ओर से छापा जाने वाला एक रुपये का नया नोट गुलाबी हरे रंग का होगा। इसके पिछले हिस्से पर एक रुपये के सिक्के की तस्वीर छपी होगी।
- इस नए नोट पर आरबीआइ की जगह पर हिंदी में भारत सरकार और अंग्रेजी में गवर्नमेंट ऑफ इंडिया छपा होगा। नोट का आगे का हिस्सा फीका गुलाबी और हरे रंग का होगा।
- इस पर दाहिनी ओर नोट का नंबर काले रंग में छपा हुआ होगा। वहीं नोट के पीछे की ओर वर्ष 2017 प्रिंट होगा।
- कौन जारी करता है यह नोट : एक रुपये के नोट की छपाई भारत सरकार करवाती है। एक के नोट पर आíथक मामलों के सचिव के हस्ताक्षर होते हैं। जबकि अन्य सभी नोटों पर आरबीआइ गवर्नर दस्तखत करते हैं।
- नए एक रुपये के नए नोट पर मौजूदा आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास के हिंदी और अंग्रेजी में हस्ताक्षर होंगे। हालांकि इसे चलन में लाने का काम रिजर्व बैंक ही करता है।
- नोटों की छपाई की घटी लागत : नोटों की ¨पट्रिंग में नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने के कारण लागत में कमी आई है। इसी के मद्देनजर एक रुपये के नोट की फिर से छपाई शुरू की गई है।
- एक का नोट बंद होने के बाद अभी तक देश में एक रुपये के सिक्के ही ढाले जा रहे थे।
7. गर्म जलवायु से ग्रेट बैरियर रीफ को नुकसान
- वैज्ञनिकों का कहना है कि दुनिया की जलवायु गर्म होने से कोरल रीफ ( मूंगे की चट्टान ) सफेद हो रही है। इसका ताजा उदाहरण आस्ट्रेलिया का मशहूर ग्रेट बैरियर रीफ है। पिछले दो वषों के दौरान वहां मूंगे के फैलाव में गिरावट आई है और उसका आवास क्षेत्र भी कम हुआ है।
- 12300 किलोमीटर लंबा ग्रेट बैरियर रीफ वल्र्ड हैरिटेज साइट है। पिछले साल मार्च और अप्रैल में समुद्र का तापमान बढ़ने से यहां की मूंगे की चट्टानों को सर्वाधिक ब्लीचिंग का सामना करना पड़ता है। कोरल ब्लीचिंग के दौरान मूंगे सूक्ष्म शैवाल को निष्कासित कर देते हैं।
- रंगीन शैवाल की क्षति की वजह से मूंगे सफेद पड़ जाते हैं। सफेद कोरल पुन: अपनी पुरानी अवस्था में लौट सकते हैं बशर्ते तापमान में गिरावट आए और शैवाल फिर से अपनी कॉलोनी बसाने में कामयाब हो जाए। अन्यथा कोरल की मृत्यु हो सकती है।
- आस्ट्रेलिया की ग्रेट बैरियर रीफ मेरिन अथॉरिटी के चेयरमैन रसैल रीशेल्ट का कहना है कि 2016 में ब्लीचिंग से मरने वाली कोरल की मात्र हमारे प्रारंभिक अनुमानों से ज्यादा है और अभी रिपोटोर्ं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 2017 के अंत तक कोरल कवर में और गिरावट आएगी।
8. दासारी नारायण राव
- वरिष्ठ फिल्म निर्देशक और पूर्व केंद्रीय मंत्री दासारी नारायण राव का मंगलवार को यहां निधन हो गया है। राव, एनटी रामा राव और ए नागेश्वर राव जैसे प्रसिद्ध अभिनेताओं की फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं।
- वह ‘मेघसंदेशम’, ‘गोरीनटकू’, ‘प्रेमअभिषेकम’, बांगरू कुटुंबम’ और ‘स्वर्गम नरकम’ जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
- 1150 फिल्मों का निर्देशन कर चुके राव एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वह एक पत्रकार होने के साथ-साथ कांग्रेस के टिकट पर आंध्र प्रदेश से सांसद भी रह चुके थे।
- संप्रग-एक के कार्यकाल में उन्होंने कोयला राज्य मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दीं थीं। 2014 में वह तब विवादों में आए, जब सीबीआइ ने कोयला ब्लाक आवंटन में हुई कथित अनियमितता के संबंध में उनसे पूछताछ की थी।
Sorce of the News (With Regards):- compile by Dr Sanjan,Dainik Jagran (Rashtriya Sanskaran), Dainik Bhaskar (Rashtriya Sanskaran), Rashtriya Sahara (Rashtriya Sanskaran) Hindustan dainik (Delhi), Nai Duniya, Hindustan Times, The Hindu, BBC Portal, The Economic Times (Hindi& English)
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