विदेशी सॉवरेन बॉण्ड (foreign Sovereign Bonds) अर्थात विदेशी संप्रभु बॉंड एक ऐसा स्पेसिफिक ड्राफ्ट इंस्ट्रूमेंट अथवा प्रतिभूति जिसे सरकार जारी करती है। इससे विदेशी और घरेलू मुद्रा दोनों में ही जारी किया जा सकता है। भारत ने अभी तक केवल घरेलू मुद्रा में ही सॉवरेन बॉण्ड (Sovereign Bonds) जारी किए हैं। इसकी आवश्यकता :
- वैश्वीकरण बाज़ार सूचकांक में भारत के सरकारी बॉन्ड को शामिल करने में सहायक, जिससे भारत में विदेशी मुद्रा प्रवाह में बढ़ोतरी होगी।
- सॉवरेन बॉन्ड (Sovereign Bonds) के ग्लोबल बेंचमार्क में शामिल होने से खरीददारों को Rupee denominated sovereign bonds भी आकर्षित करेंगे।
- जिस दर पर सरकार सॉवरेन बॉन्ड (Sovereign Bonds) के ज़रिए विदेशों से उधार लेगी, वह इसकी कॉर्पोरेट बॉण्ड के मूल्य निर्धारण के लिए मानदंड स्थापित करेगा, इससे विदेशों से धन जुटाने में इंडियन कंपनीयो को मदद मिलेगी।
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