ओखी तूफ़ान - okhi cyclone Important facts

ओखी तूफ़ान

देश के दक्षिणी हिस्से तमिलनाडु, दक्षिण केरल और लक्षद्वीप में चक्रवाती तूफ़ान ओखी के चलते अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है। 'ओखी' तूफान का नाम बांग्लादेश का दिया हुआ है, जिसका बंगाली में मतलब 'आंख' होता है।

कैसे शुरू हुई नाम रखने की परंपरा? 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और यूनाइटेड नेशंस इकोनॉमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (ESCAP) ने उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम रखना साल 2000 में शुरू किया था। दुनियाभर के चक्रवातों का नाम 9 क्षेत्रों- उत्तरी अटलांटिक, पूर्वी-उत्तर प्रशांत, मध्य-उत्तर प्रशांत, पश्चिमी-उत्तरी प्रशांत, उत्तरी हिंद महासागर, दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर, ऑस्ट्रेलियाई, दक्षिणी प्रशांत, दक्षिण अटलांटिक द्वारा दिया जाता है।

क्यों रखा जाता है चक्रवातों का नाम? 

हरीकेन रिसर्च डिविजन के मुताबिक उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम पूर्वनुमानियों के बीच आसानी से बात हो सके, इसलिए दिया जाता है। आम जनता को इनके बारे में भविष्यवाणी और चेतावनियां समझ आएं इसलिए चक्रवातों का नाम देना जरूरी हो जाता है। उत्तरी हिंद महासागर में बने चक्रवातों का नाम भारतीय मौसम विभाग रखता है। उत्तरी हिंद महासागर में आए पहले उष्णकटिबंधीय चक्रवात का नाम साल 2004 में बांग्लादेश ने रखा था जिसे 'ओनिल' कहा गया था।

सभी देश एक-एक कर रखते हैं नाम :

okhi cyclone naming facts
उत्तरी हिंद महासागर में आने वाले तूफ़ानो की सूची

उत्तरी हिंद महासागर के आठ देशों, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, मालदीव और ओमन ने मिलकर 8 नाम दिए हैं जो चक्रवातों की 64 नामों की सूची में शामिल है। मई में पूर्वोत्तर भारत में आए तूफान मोरा का नाम थाईलैंड ने रखा था। 'मोरा' नाम का मतलब समुद्र का स्टार है और कीमती पत्थरों में से एक का नाम 'मोरा' भी है। अगले चक्रवाती तूफान का नाम भारत रखेगा जोकि अभी से तय कर लिया या है। 
अगले तूफान का नाम 'सागर' होगा।

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