भारत के मुख्य न्यायाधीशों के नाम, उनकी योग्यताएँ एवं कार्यकाल अवधि (1950-2017)

भारत में अब तक 45 लोगों ने देश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवा की है। जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा 28 अगस्त 2017 से भारत के मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे हैं। भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर 27 अगस्त 2017 को सेवानिवृत्त हो गए। जस्टिस जगदीश सिंह खेहर सिख समुदाय के पहले जस्टिस थे।

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जस्टिस दीपक मिश्रा 03 अक्टूबर, 2018 तक इस पद पर रहेंगे। जस्टिस दीपक मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वह ओडिशा की तीसरे न्यायाधीश होंगे। दीपक मिश्रा से पहले ओडिशा के जस्टिस रंगनाथ मिश्रा और जी.बी. पटनायक भी मुख्य न्यायाधीश पद पर रह चुके हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा याकूब मेमन पर दिए गए फैसले के कारण चर्चा में रहे थे। भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में एच. जे. कनिया ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।

यहाँ पर वर्ष 1950 से अब तक नियुक्त हुए भारत के सभी मुख्य न्यायाधीशों के नाम उनकी योग्यताएँ, उनका कार्यकाल एवम कुल अवधि के बारे सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है।

भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची (वर्ष 1950 से अब तक):-



नोट: यह लिस्ट 28 अगस्त 2017 को अपडेट की गयी है।


उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति:

उच्चतम न्यायालय के सभी न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा उच्चतम न्यायालय के परामर्शानुसार की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस प्रसंग में राष्ट्रपति को परामर्श देने से पूर्व अनिवार्य रूप से चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के समूह से परामर्श प्राप्त करते हैं तथा इस समूह से प्राप्त परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति को परामर्श देते हैं।
अनुछेद 124 के अनुसार मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते समय राष्ट्रपति अपनी इच्छानुसार सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सलाह लेगा। वहीं अन्य जजों की नियुक्ति के समय उसे अनिवार्य रूप से मुख्य न्यायाधीश की सलाह माननी पडेगी।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की योग्यताएँ:

  • व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
  • कम से कम पांच साल के लिए उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या दो या दो से अधिक न्यायालयों में लगातार कम से कम पांच वर्षों तक न्यायाधीश के रूप में कार्य कर चुका हो।
  • किसी उच्च न्यायालय या न्यायालयों में लगातार दस वर्ष तक अधिवक्ता रह चुका हो।
  • वह व्यक्ति राष्ट्रपति की राय में एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होना चाहिए।
  • उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनने हेतु किसी भी प्रदेश के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश का पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है और वह 62 वर्ष की आयु पूरी न किया हो।

कार्यकाल:

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष होती है। न्यायाधीशों को केवल (महाभियोग) दुर्व्यवहार या असमर्थता के सिद्ध होने पर संसद के दोनों सदनों द्वारा दो-तिहाई बहुमत से पारित प्रस्ताव के आधार पर ही राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है।

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