एमिशन नॉर्म्स क्या होता है?
गाड़ियों के फ्यूल से निकलने वाले पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए मापदंड सेट किए जाते हैं जिन्हें एमिशन नॉर्म्स कहा जाता है और सभी ऑटोमोबाइल कंपनियो को इन नॉर्म्स का पालन भी करना होता है ताकि एयर पॉल्यूशन पर कंट्रोल किया जा सके। गाड़ियों का प्रोडक्शन करते समय, इंजन में एक इंटरनल एक्युपमेंट का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि पॉल्यूशन कम से कम हो। भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से एमिशन नॉर्म्स की जांच और तय समय-सीमा के अंदर इसे पूरी तरह से लागू करने का काम किया जाता है।
भारत स्टेज एमिशन स्टैंडर्ड कब और कहां:
देश में भारत स्टेज एमिशन नॉर्म्स को 4 स्टेज में बांटा गया है जिसे अलग-अलग तरीके से पूरे देशभर में लागू किया जाना है। इसमें टू-व्हीएलर से लेकर हेवी कमर्शियल व्हिकल शामिल हैं।
भारत स्टेज-2
भारत स्टेज-2 को यूरो-2 भी कहते है। 4 व्हीहलर्स गाड़ियों के लिए इसे वर्ष 2001 तक NCR, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में लागू किया गया था। जबकि वर्ष 2003-2004 में इसे NCR समेत 13 अन्य शहरों में भी लागू किया गया। इसके बाद वर्ष 2004-2005 में पूरे देश में इसे लागू किया गया था। जबकि 01 अप्रैल 2005 तक टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर के लिए इन नॉर्म्स को पूरे देश में लागू किया गया।
भारत स्टेज-3
भारत स्टेज-3 या यूरो-3, इस एमिशन स्टैंडर्ड नॉर्म्स के तहत 4-व्हीलर्स गाड़ियों के लिए इसे साल वर्ष 2004-2005 में NCR व 13 अन्य शहरों में भी लागू किया गया था। वहीं साल 2010 तक इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। इसके अलावा, 1 अप्रैल 2010 तक सभी टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर के लिए भी इसे लागू किया गया।
भारत स्टेज-4
भारत स्टेज-4 को यूरो-4 भी कहा जाता है। इस एमिशन स्टैंडर्ड नॉर्म्स के अंतर्गत 4-व्हीलर्स गाड़ियों के लिए वर्ष 2010 में इसे NCR सहित 13 अन्य शहरों में भी लागू किया गया था। जबकि वर्ष 2012 में इसे सभी टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर में लागू किया गया।
भारत स्टेज-5
अब बात करते है भारत स्टेज-5 या यूरो-5 के बारे में, इस एमिशन स्टैंडर्ड के तहत सभी टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और 4-व्हीलर्स गाड़ियां शामिल की गयी हैं। और इसे साल 2017 में पूरे देश में लागू किया जाने का प्रस्ताव है।
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