राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग देश में मानवाधिकारो का प्रहरी है। यह मानवाधिकारो से सम्बंधित शिकायत सुनने से लेकर जाँच कर निर्णय देने का कार्य करता है, अतः यह एक स्वायत्त विधिक संस्था है। इस आयोग के पास सिविल न्यायालय जैसे सभी अधिकार व शक्तियाँ है अतः इसका चरित्र न्यायिक है। लेकिन वस्तुतः यह एक सिफ़ारिश/सलाहकारी निकाय है अर्थात इसकी सलाह को मानना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है पर सामान्यत: मानी जाती है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC-National human right commission):-
स्थापना : 1993 में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम,1993 द्वारा ।
आयोग का संगठन
सदस्य : ➤ (1+4) 1 अध्यक्ष तथा 4 सदस्य होते है। इनके अतिरिक्त 4 पूर्ण कालिक पदेन सदस्य भी होते है ।
NOTE: यदि परीक्षा में सदस्य संख्या से सम्बंधित प्रश्न हो तो उत्तर 1+4=5 होगा ना की 1+4+4=9
अध्यक्ष : ➤आयोग का अध्यक्ष वही व्यक्ति होता है जो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो।
सदस्य : ➤ आयोग के २ सदस्य वे होंगे जो सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश हो अथवा रह चुके हो।
ध्यान रहे यंहा सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीश का उल्लेख है न की मुख्य का।
➤ आयोग के २ सदस्य वें होंगे जो मानवाधिकारो के संदर्भ में विशेष जानकारी रखते हो।
पूर्ण कालिक पदेन सदस्य : ➤ 4 पूर्ण कालिक सदस्य होते है।
- राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष।
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष।
- अनुसूचित जाती आयोग के अध्यक्ष।
- अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष।
आयोग में सदस्यों की नियुक्ति
- प्रधानमंत्री समिति के पदेन अध्यक्ष के रुप में ।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल सदस्य (गृह मंत्री)।
- लोक सभा अध्यक्ष।
- लोक सभा में विपक्ष का नेता।
- राज्यसभा सभापति।
- राज्यसभा में विपक्ष का नेता।
आयोग के सदस्यों को पदमुक्त करना
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों को पदमुक्त करने का अधिकार राष्ट्रपति को होता है, इसके लिए भी कई प्रावधान दिए हुए है । अतः पद मुक्ति के निम्न आधार हो सकते है:-
- सिद्ध कदाचार के आधार पर ।
- सदस्य को दिवालिया घोषित कर दिया गया हो ।
- सदस्य ने लाभकारी पद धारण कर लिया हो।
- वह मानसिक अथवा शारीरिक रूप से अक्षम हो।
आयोग सदस्यों व अध्यक्ष का कार्य काल
5 वर्ष का कार्यकाल अथवा 70 वर्ष की उम्र जो भी पहले पूरी हो तक पद पर बने रह सकते है। लेकिन यंहा दो बातों पर ध्यान देना आवश्यक है :
- यदि 70 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं हुई हो तो इस आयु तक पुनर्नियुक्त किए जा सकते है।
- कार्यकाल पूर्ण होने के बाद राज्य अथवा केंद्र सरकार के अधीन कोइ पद ग्रहण नहीं कर सकते है।
आयोग का कार्य
- मानवाधिकारो के संदर्भ में संवेधानिक व क़ानूनी प्रवधानो के क्रियान्वयन पर निगरानी रखना।
- NGO's को प्रोत्साहित करना ताकि वें उचित रूप से क्षेत्र में कार्य कर सके।
- मानवाधिकारो के सम्बंध में शोध करना एंव शोध को बढावा देना।
- मानवाधिकारो से सम्बंधित शिकायतों को सुनना।
- मानवाधिकारो की जानकारी का प्रसार करना तथा जागरूकता बढ़ाना।
- आयोग गम्भीर विषयों पर स्वविवेक से भी मामलों पर संज्ञान लेता है।
आयोग की शक्तियाँ
- समन जारी करने की शक्ति।
- शपथ पत्र अथवा हलफ़नामे पर लिखित गवाही लेने की शक्ति।
- गवाही को रिकोर्ड करने की शक्ति।
- देश की विभिन्न जेलों का निरीक्षण करने की शक्ति।
Note : आयोग उन्ही मामलों में जाँच कर सकता है जिन्हें घटित हुए एक वर्ष से काम समय हुआ हो। एक वर्ष से पूर्व घटनाओं पर आयोग को कोई अधिकार नहीं है।
आयोग मानवाधिकार उल्लंघन के दोषी को न तो दंड से सकता है ओर न ही पीड़ित को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता कर सकता है। लेकिन इसका चरित्र न्यायिक है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा महत्व पूर्ण पत्रिका जारी की जाती है जिसका नाम है "नई दिशाए" । अधिकांश परीक्षाओं में यह प्रश्न पूछा जाता है।
Note: आयोग का कार्यालय नई दिल्ली में है। अन्य स्थानो पर भी कार्यालय खोला जा सकता है।
वर्तमान अध्यक्ष : जस्टिस एच एल दत्तु
इतनी जानकरिया परीक्षा के लिए बहुत होती है । अधिकांश सवाल इन में से ही पूछे जाते है । फिर भी मानव प्रवृति अनुसार ओर अधिक का चाह सभी में व्याप्त होती है। अतः नीचे दिए लिंक से आप अन्य जानकरिया भी प्राप्त कर पाएँगे।
Note: आयोग का कार्यालय नई दिल्ली में है। अन्य स्थानो पर भी कार्यालय खोला जा सकता है।
प्रथम व वर्तमान अध्यक्ष
प्रथम अध्यक्ष : रंगनाथ मिश्रवर्तमान अध्यक्ष : जस्टिस एच एल दत्तु
इतनी जानकरिया परीक्षा के लिए बहुत होती है । अधिकांश सवाल इन में से ही पूछे जाते है । फिर भी मानव प्रवृति अनुसार ओर अधिक का चाह सभी में व्याप्त होती है। अतः नीचे दिए लिंक से आप अन्य जानकरिया भी प्राप्त कर पाएँगे।
- official website : http://nhrc.nic.in
- मानवाधिकार अधिनयम,1993
- आयोग का गठन
- प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
- राज्य मानवाधिकार आयोग
- मानवाधिकार विश्व एंव भारत में
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2 Comments
Atankwadi marta hai to aap log Sarkar se report mangte ho aur sainiko par pathathar barsate hai to ghar me so jate ho. Apni niti badlo ya apni dukan Band Karo
ReplyDeleteMr. Dinesh Kumar ! this is educational platform for preparation of competitive exams. Be aware to express your anger.
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