प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)

मुख्य बिंदु -
योजना बिंदुविवरण

योजना का नाम

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना

शुभारंभ1 मई 2016 (मजदुर दिवस के मोके पर) , बलिया, उत्तरप्रदेश से 
मुख्य उद्देश्यगरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना
अन्य उद्देश्यअशुद्ध ईंधन के कारण होने वाले रोगों में कमी लाना, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और प्रदुषण को कम करना
लक्ष्य5 करोड़ BPL परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन वितरित करना
समय सीमा3 साल – 2018-19 तक
कुल बजट8000 करोड़
वित्तीय सहायताप्रत्येक BPL परिवार को 1600 रुपये कि सहायता
पात्रताराज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से की गयी BPL परिवारों कि पहचान

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना एक बहुत ही महत्वाकांक्षी सरकारी योजना है जिसे भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत चलाया जायेगा। इस योजना के लिए भारत सरकार ने 8000 करोड़ रुपये का बजट बनाया है।
योजना का पोस्टर जो उद्देश्य को इंगित करता है 

उद्देश्य:-

  1. गरीबों को मुफ्त में रसोई गैस का कनेक्शन देना..
  2. खाना पकाने के परम्परागत चूल्हों की जगह धुंए रहित रसोई गैस के कनेक्शन देना.
  3. ग्रामीण क्षेत्रों तक कनेक्शन उपलब्ध कराना.
  4. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन की जगह शुद्ध एलपीजी गैस के उपयोग को बढ़ावा देना है।
  5. योजना का एक मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और उनकी सेहत की सुरक्षा करना भी है।
  6. घर के अंदर के वायु प्रदूषण में तीव्र श्वसन की वजह से युवा बच्चों में होने वाली बीमारियों की रोकथाम

बजट और अनुदान

  • सरकार ने पहले ही वित्त वर्ष 2016-17 के लिए उज्ज्वला योजना के कार्यान्वन के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। सरकार चालू वित्त वर्ष के भीतर लगभग 1.5 करोड़ बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन वितरित करेगी।
  • 8000 करोड़ रुपये के कुल बजटीय प्रावधान के साथ इस योजना को अगले तीन सालों तक चलाया जायेगा।
  • इस योजना के कार्यान्वयन के लिए “Give-it-Up” अभियान के माध्यम से एलपीजी सब्सिडी में बचाए गए पैसे को उपयोग में लय जायेगा। भारत सरकार ने अब तक लगभग 5,000 करोड़ रुपये एलपीजी सब्सिडी में बचा लिए हैं। 
  • “Give-it-Up” अभियान के शुभारंभ के बाद से 1.13 करोड़ लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी है और बाजार मूल्य पर LPG सिलिंडर खरीद रहे हैं।

वित्तीय सहायता

  • योजना के अंतर्गत भरा सरकार पात्र बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इस योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन परिवारों की महिलाओं को नाम पर दिया जाएगा।
  • सरकार स्टोव और सिलेंडर भरवाने की लागत को पूरा करने के लिए ईएमआई की सुविधा भी प्रदान करेगी।

योजना का कार्यान्वयन

  • योजना पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा लागू की जाएगी। 
  • यह इतिहास में पहली बार है कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस तरह की विशाल कल्याण योजना को लागू कर रहा है जिससे देश के सबसे गरीब करोड़ों परिवारों से संबंधित महिलाओं को लाभ होगा।
  • इस योजना को तीन साल में पूरा किया जाएगा, अर्थात्, वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19।

योजना के लिए पात्रता और चयन प्रक्रिया

  • पात्र बीपीएल परिवारों की पहचान राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से की जाएगी। 
  • योजना के अंतर्गत जिन BPL परिवारों के पास योजना के आरम्भ के समय तक एलपीजी कनेक्शन नहीं है वो इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • लाभार्थी का चयन केवल BPL परिवारों में से ही किया जायेगा। हालाँकि योजना के अंतर्गत SC/ST और दुर्बल वर्ग के लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी। 
  • एलपीजी कनेक्शन के वितरण के दौरान उन राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी जहाँ पर राष्ट्रीय अनुपात की तुलना में कम LPG कवरेज कम है।

भारत में रसोई गैस वितरण की वर्तमान स्थिति

  • पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, भारत में वर्तमान में 16.64 करोड़ सक्रिय एलपीजी उपभोक्ता हैं जिनमें से ज्यादातर शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में है। 
  • गरीब परिवारों तक स्वच्छ ईंधन (एलपीजी) की पहुँच सीमित है। 
  • सरकार ने पिछले एक साल में गरीबों को 60 लाख नए कनेक्शन जारी किये हैं।
  • भारत 21 लाख टन एलपीजी यानि कि अपनी कुल जरूरत का लगभग 40 प्रतिशत आयात करता है। नए कनेक्शन के साथ आयात भी लगभग 50-55% तक जाने की उम्मीद है।

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