भारत देश में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में मारे गए सभी लोगो को आज छठवी बरसी पर श्रद्धांजली और इस हमले में आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हमारे भारत देश के सभी वीर शहीद जवानो को कोटि कोटि नमन और श्रद्धांजली ।
भारत देश का दिल कही जाने वाली आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले की यादें आज भी ताजा हैं।
इस आतंकी हमले में मुंबई के साथ ही पूरा देश दहल गया था। बता दें कि इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।
यह प्रीप्लांड हमला मुंबई के मुख्य स्थानों में किया गया था।
इनमें ताज होटल, सीएसटी रेलवे स्टेशन, कामा हॉस्पिटल जैसे महत्वपूर्ण स्थल शामिल थे।
इस हमले में 166 लोगों में 14 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी शहीद हुए थे।
हालांकि हमला करने वाले आतंकियों को देश के बहादुर सिपाहियों ने अच्छा सबक सिखाया था,... उस स्थिति में जबकि अधिकांश पुलिस कर्मचारियों के पास आतंकियों की तरह अत्याधुनिक हथियार भी नहीं थे।
विषम परिस्थितियों में भी पुलिस के इन सिपाहियों ने आतंकियों से दो-दो हाथ किया।
इस हमले का दुखद पहलू यह है कि... इसमें एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे जी, एसीपी अशोक कामटे जी, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट विजय सालस्कर जी के साथ 14 पुलिस अधिकारी मारे गए थे।
60 घंटे चला था संघर्ष दहल गई थी पूरी दुनिया :-
26/11 की छठवीं बरसी के मौके पर आपको बता दें कि 60 घंटों तक चले संघर्ष ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था।
उल्लेखनीय है 2008 के इस हमले में अजमल कसाब नाम का एक आतंकी अपने 9 अन्य सहयोगियों के साथ समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा था।
माना जाता है कि... आतंकियों को पाकिस्तान में गहन प्रशिक्षण दिया गया था।
आतंकियों ने मुंबई के प्रमुख स्थलों पर हमला करते हुए होटल ताज को अपने कब्जे में ले लिया था।
घंटों चले इस संघर्ष में आतंकियों को पाकिस्तान से दिशा-निर्देश मिल रहे थे।
एक मुश्किल ऑपरेशन में भारतीय सिपाहियों ने कई आतंकियों को मार गिराया था, जबकि कसाब को ज़िंदा पकड़ लिया गया था।
मुंबई हमलों के मामले की सुनवाई के बाद कसाब को 21 नवंबर 2012 की सुबह, पुणे येरवडा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।
इस हमले का मास्टर माइंड पाकिस्तान में रह रहे हाफिज सईद को माना जाता है,... भारत देश को आज भी शिद्दत से उसकी तलाश है।
26/11 के शहीदों का बलिदान रहेगा याद,... इन बहादुरों ने किया था मुकाबला :-
हेमंत करकरे जी :-
हेमंत करकरे जी 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उनका जन्म 1954 में हुआ था।
हेमंत करकरे जी ने नागपुर के विश्वेश्वर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री लेने के बाद देश की सेवा करने का निर्णय लिया था।
आतंकी हमले के वक्त वे मुंबई एटीएस के प्रमुख थे।
इससे पहले वे चंद्रपुर में नक्सल प्रभावित इलाकों में काम कर चुके थे।
डॉ. के पी रघुवंशी से मुंबई एटीएस का पदभार स्वीकार करने से पहले वे नारकोटिक्स विभाग में काम करते हुए उन्होंने एक विदेशी ड्रग माफिया को गोरेगांव चौपाटी में मार गिराया था।
वे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए सात वर्षों तक ऑस्ट्रिया में सेवा देकर महाराष्ट्र कैडर में दाखिल हुए थे।
जनवरी में उन्हें एटीएस का प्रमुख बनाया गया था।
29 सितंबर 2008 को मालेगांव बम धमाके के आरोपियों को पकड़ने के लिए वे काम कर रहे थे।
लेकिन दो महीने बाद ही आतंकवादी अजमल कसाब व उसके साथी अन्य 9 आतंकियों की गोलीबारी में करकरे शहीद हो गए थे।
इस हमले में मुंबई पुलिस ने अपना एक महत्वपूर्ण अधिकारी खो दिया।
अशोक कामटे जी :-
इस हमले में एक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शहीद हुए थे।
ये शहीद अधिकारी अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामटे जी थे।
अशोक कामटे जी का परिवार पुणे पिंपले सौदागर के रक्षकनगर में रहता है।
उनके पिता भी पुलिस में थे। कामटे 1989 आईपीएस बैच के अधिकारी थे।
उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। अशोक कामटे जी अपने बैच में सबसे प्रभावशाली अधिकारियों में से थे।
वे पलक झपकते ही समस्याओं का समाधान ढूंढ लेते थे।
उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर व सांगली में जबरदस्त काम किया था।
इसके बाद उनका तबादला मुंबई में कर दिया गया था।
दबंग व्यक्तित्व के अशोक कामटे जी 26 नवंबर 2008 की रात में आतंकियों से संघर्ष के दौरान शहीद हो गए।
उल्लेखनीय है कि...अशोक कामटे जी के पास सामान्य शस्त्र थे बावजूद वे आधुनिक हथियारों से लैस आतंकियों के साथ मेट्रो सिनेमा के बगल में जोरदार मुकाबला किया था।
विजय सालस्कर जी :-
मुंबई हमलों में बहुत सारे बहादुर अधिकारियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
ऐसे ही एक और बहादुर अधिकारी थे,... विजय सालस्कर जी।
विजय सालास्कर जी,... मुंबई पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर थे।
वे मुंबई पुलिस में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक थे।
विजय सालस्कर जी ने अपने करियर में 80 अपराधियों को मार गिराया था।
शहीद होने से पहले विजय सालस्कर जी एंटी एक्सटॉर्सन सेल में इंचार्ज थे।
मुंबई में शहीद होने के बाद 26 जनवरी 2009 को मरणोपरांत अशोक च्रक से सम्मानित किया गया था।
संदीप उन्नीकृष्णन जी :-
मुंबई पर आतंकी हमलों के दौरान एनएसजी कमांडो मेजर संदीप उन्नीकृष्णन जी और एमएसजी कमांडो हवलदार गजेंद्र सिंह जी भी आतंकियों के हमले में शहीद हुए थे।
तुकाराम ओंबाले जी :-
मुंबई में आतंकियों के हमले का कड़ा जवाब देने वाले पुलिस उपनिरीक्षक तुकाराम ओंबाले जी भी शहीद हो गए थे।
हमले के दौरान तुकाराम ओंबाले जी चौपाटी पर ड्यूटी कर रहे थे।
जब आतंकवादी अजमल कसाब और उसके अन्य साथी हमला करते हुए यहां पहुंचे तुकाराम ओंबाले जी ने आतंकवादी अजमल कसाब को पकड़ने का प्रयत्न किया था।
हालांकि आतंकवादी अजमल कसाब के साथियों ने तुकाराम ओंबाले जी पर खूब गोलीबारी की।
लेकिन तुकाराम ओंबाले जी के साहस के आतंकवादी अजमल कसाब को उसके साथी वहां से नहीं निकाल पाए और अन्य आतंकी घायल अजमल कसाब को वहीं छोड़ भाग निकले।
अजमल कसाब जख्मी स्थिति में वहीं पड़ा रहा,... तुकाराम ओंबाले जी की बहादुरी के कारण ही बाद में मुंबई पुलिस को कसाब को ज़िंदा हालत में पकड़ने में कामयाबी मिली। तुकाराम ओंबाले जी इस हमले में शहीद हो गए थे।
बाद में अदम्य बहादुरी के लिए 26 जनवरी 2009 को तुकाराम ओंबाले जी को मरणोपरांत अशोक चक्र देकर एक शहीद का सम्मान किया गया।
इस आतंकी हमले में अन्य जवान भी शहीद हुए थे... जिनमें ये भी थे :-
अंबादास पवार जी, पुलिस कॉन्स्टेबल ।
बालासाहेब भोसले जी, सहायक पुलिस उपनिरीक्षक ।
अरुण चित्ते जी, पुलिस कॉन्स्टेबल ।
एम. सी. चौधरी जी, पुलिस हेड कॉन्स्टेबल, आरपीएफ ।
बापूसाहेब दुरुगडे जी, पुलिस उपनिरीक्षक, एल. ए. 1, नायगांव ।
मुकेश जाधव जी, होमगार्ड कॉन्स्टेबल ।
जयवंत पाटिल जी, पुलिस कॉन्स्टेबल ।
शशांक शिंदे जी, पुलिस निरीक्षक, सीएसटी रेलवे पुलिस स्टेशन, मुंबई ।
प्रकाश पी. मोरे जी, पुलिस उपनिरीक्षक एल. टी. मार्ग पुलिस ठाणे ।
राहुल एस. शिंदे जी, पुलिस कॉन्स्टेबल, एसआरपीएफ, ग्रुप एक्स, सोलापुर ।
विजय खांडेकर जी, पुलिस कॉन्स्टेबल ।
योगेश पाटिल जी, पुलिस कॉन्स्टेबल ।
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